सुना था.. मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले,
हमारी बारी आई तो, रिवाज हि बदल गया।
सुनो! या तो मिल जाओ, या बिछड जाओ,
यू सासो मे रह कर बेबस ना करो।
तुझ से रूठने का हक है मुझ को..
पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता।
हजारों चेहरों में एक तुम ही पर मर मिटे थे..
वरना.. ना चाहतों की कमी थी और ना चाहने वालों की।
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों,
जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है।
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा..
साल बदलेगा, मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा।
अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,
एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे।
उसने चुपके से मेरी आँखों पर हाथ रखकर पूछा…बताओ कौन ???
मैं मुस्कराकर धीरे से बोला… “मेरी जिन्दगी”
मै नासमझ ही सहीं मगर वो तारा हूं..
जो तेरी एक ख्वाहिश के लिये..सौ बार टूट जाऊं।
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा..
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा।
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ।